नया नोएडा : 21,000 हेक्टेयर में फैलेगा नया शहर, 6 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) की मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इस क्षेत्र का नाम अब नया नोएडा होगा।
नया नोएडा 21,000 हेक्टेयर में फैलेगा और यह नोएडा से 25% बड़ा होगा। इस क्षेत्र में 80 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिनमें से 60 बुलंदशहर में और 20 गाजियाबाद में हैं।
नए नोएडा में 40% औद्योगिक क्षेत्र, 29% मिश्रित उपयोग क्षेत्र, 13% आवासीय क्षेत्र और 18% मनोरंजक और हरित क्षेत्र होगा। यह क्षेत्र 6 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
नए नोएडा की आधारशिला अगले साल रखी जाएगी और इसका निर्माण 2030 तक पूरा हो जाएगा। यह क्षेत्र एक वैश्विक मानक का शहर होगा और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी।
यह क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है और यह क्षेत्र रोजगार के अवसरों और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
ध्यान दें कि नया नोएडा परियोजना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC) का एक हिस्सा है। DMIC एक बहुत बड़ा परियोजना है जिसका उद्देश्य दिल्ली-मुंबई गलियारे के साथ एक औद्योगिक शहरों और कस्बों के नेटवर्क का विकास करना है। DMIC के अन्य उल्लेखनीय औद्योगिक शहरों में गुजरात में धोलरा और महाराष्ट्र में औरंगाबाद औद्योगिक क्लस्टर (AURIC) शामिल हैं।
DMIC एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि याद रखें कि परियोजना अभी शुरुआती दौर में है और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। केवल समय ही बताएगा कि DMIC सफल होगा या नहीं।
आम जनता की राय नया नोएडा को लेकर :-
नया नोएडा परियोजना को लेकर लोगों की राय मिश्रित है।
जो लोग इस परियोजना के पक्ष में हैं, उनका तर्क है कि यह नौकरी रोजगार पैदा करेगा, आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करेगा।
जो लोग इस परियोजना के खिलाफ हैं, उनका तर्क है कि यह खेती योग्य भूमि और वन्यजीव आवास को नष्ट कर देगा। वे यह भी चिंता करते हैं कि यह यातायात की भीड़ और प्रदूषण को जन्म देगा।
नए नोएडा परियोजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे कितनी अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाता है। यदि परियोजना को एक टिकाऊ और समान तरीके से लागू किया जाता है, तो इस क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। हालांकि, अगर इसे ठीक से प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो इसका पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर negative प्रभाव पड़ सकता है।