चित्रकूट में बन रहा देश का तीसरा और प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज
प्रभु श्रीराम की तपोभूमि विंध्य पर्वत माला में स्थित तुलसी (शबरी) जल प्रपात में देश का तीसरा और प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज बन रहा है, जिसका निर्माण काम तीव्र गति से चल रहा है। यह 3.70 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और इसका आकार धनुषाकार होगा।
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स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह ब्रिज उत्तर प्रदेश के पहले अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और राक गार्डेन, रेस्टोरेंट और औषधि पार्क का भी यहां पर आयोजन किया गया है।
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इस स्थल पर जब लोग ब्रिज पर चलते हैं, तो वे कांच के पुल के माध्यम से अपने कदमों के नीचे धरती को भी आराम से देख सकते हैं। मध्य प्रदेश के सतना बॉर्डर के पास स्थित परासिन पहाड़ से धारकुंडी मारकुंडी जंगलों के बीच से चित्रकूट तक बहने वाली पयस्वनी नदी को मंदाकिनी के नाम से भी जाना जाता है।
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ग्राम पंचायत टिकरिया के जमुनिहाई गांव के पास स्थित बंबियां जंगल में पयस्वनी, ऋषि सरभंग आश्रम से निकली जलधारा और गतिहा नाले की त्रिवेणी से शबरी जल प्रपात की छटा बेहद मनोहारी दिखती है, जैसे कि आसमान और धरती मिल रहे हों।
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इस जल प्रपात में कम पानी के कारण तीन अलग-अलग जलराशियां थोड़ी-थोड़ी दूर पर गिरती हैं, लेकिन तेज बारिश में यह तीनों जलराशियां एक हो जाती हैं। इसका दृश्य सुंदर होता है और इससे अंतर्मन के तार उठते हैं।
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यहां कुछ कुंड और जलराशियां भी हैं, जो आगे बढ़कर सम्मोहन को और बढ़ाती हैं। इस नजारे को देखकर आपका आंतर्मन छू जाता है और यह स्थल देश और दुनिया के सैलानियों को खींचने का एक अद्वितीय केंद्र बन सकता है।
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पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
ग्लास स्काई वाक ब्रिज के बनने से चित्रकूट पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह पुल देश और दुनिया के सैलानियों को खींचने का एक अद्वितीय केंद्र बन सकता है।
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