प्रयागराज मेंना का निर्माण शुरू होगा इनर रिंगरोड परियोज
प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की महत्वाकांक्षी इनर रिंगरोड परियोजना का निर्माण शुरू होगा. इस परियोजना के तहत नैनी-झूंसी के बीच गंगा पर 3.02 किमी लंबा पुल बनाया जाएगा. टेंडर की अंतिम तिथि 24 अगस्त है और निर्माण अक्तूबर के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगा. परियोजना पर 3200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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यह पुल इनर रिंगरोड के पहले चरण में प्रस्तावित है. दो चरणों में पूरी कराई जाने वाली इनर रिंगरोड परियोजना के पहले चरण में 29.50 किमी सड़क का निर्माण कराया जाएगा. पहले चरण में शहर से गुजरने वाले तीन राजमार्गों को इनर रिंगरोड से जोड़ने की योजना है. दूसरे चरण में यमुना पर पुल निर्माण के अलावा इनर रिंगरोड के शेष हिस्से को पूरा कराया जाएगा.
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महाकुंभ से पहले काम पूरा कराने के दबाव को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से इनर रिंगरोड परियोजना का निर्माण सितंबर के अंतिम हफ्ते या अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में आरंभ हो जाएगा. एनएचएआई को इस परियोजना को अक्तूबर 2024 तक पूरा कराने का लक्ष्य दिया गया है.
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इनर रिंगरोड परियोजना के प्रथम चरण में प्रयागराज-रीवा राजमार्ग, प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग और प्रयागराज-वाराणसी राजमार्ग को इनर रिंग रोड में मिलाया जाएगा. इन तीनों राजमार्गों को इनर रिंग रोड में मिलाए जाने के बाद शहर के लोगों की राह काफी आसान हो जाएगी. रीवां रोड की ओर से वाराणसी जाने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश नहीं करना होगा. वाराणसी की ओर से एमपी जाने वाले वाहन शहर के बाहर से ही इनर रिंगरोड से होकर जा सकेंगे. इसके लिए 402 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इनर रिंग रोड नीबीकला, लवायन कला, यूनाइटेड इंस्टीट्यूट, सरस्वती हाईटेक सिटी के पास से होकर गुजरेगी.
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इनर रिंगरोड परियोजना के प्रथम चरण के लिए 24 अगस्त तक टेेंडर की तिथि निर्धारित की गई है. इसमें गंगा पर 3.02 किमी लंबा सेतु बनेगा. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही कम शुरू करा दिया जाएगा.
इनर रिंगरोड परियोजना के लाभ
- इनर रिंगरोड परियोजना से शहर के लोगों की राह काफी आसान हो जाएगी.
- रीवां रोड की ओर से वाराणसी जाने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश नहीं करना होगा.
- वाराणसी की ओर से एमपी जाने वाले वाहन शहर के बाहर से ही इनर रिंगरोड से होकर जा सकेंगे.
- इससे शहर में जाम की समस्या कम होगी.
- इनर रिंगरोड परियोजना से शहर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
- यह परियोजना महाकुंभ-2025 के लिए भी महत्वपूर्ण है.
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